IPO Rules : शेयर बाजार ने हाल ही के दिनों में जिस तरह की बढ़त दिखाई है, उससे इस बात की संभावना भी बढ़ गई है कि घरेलू बाजार (domestic market) में पैसा जुटाने में बड़ी संख्या में टेक से रिलेटेड नई कंपनियां (Tech Company) आगे आएंगी। मार्केट रेगुलेटर SEBI (Security Exchange Board of India) ने इस संभावना को समझते हुए कुछ महीने पहले IPO लाने वाली कंपनियों के लिए जानकारी देने से रिलेटेड नियमों (Rules) को बदला भी था। अब जानकारी है कि SEBI Tech companies के लिए कुछ और नए नियम लाने की तैयारी कर रही है।
क्या है SEBI का मकसद
SEBI के अनुसार, नए नियमों का मकसद यही है कि टेक्नोलॉजी से जुड़ी कंपनियां (Tech companies) जब शेयर बाजार (share market) में एंट्री करें तो उन्हें अपने कारोबार से जुड़ी हर तरह की जानकारी SEBI को देनी पड़े और साथ ही किस बेसिस पर शेयर की कीमत (price) तय की जा रही है, इसके बारे में भी और डीटेल इन्फॉर्मेशन उपलब्ध कराई जाए।
हाई प्रोफाइल मीटिंग में हुआ तय
पिछलों दिनें देश की सभी रेगुलेटर एजेंसिों के अधिकारियों और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के एक हाइ प्रोफाइल बैठक में मौजूदा ग्लोबल एनवाइंरॉन्मेंट और देश की इकोनॉमी व पूंजी बाजार (capital market) पर इसके संभावित असर को लेकर चर्चा हुई थी। SEBI की तरफ से बताया गया था कि 30 सितंबर 2022 को उसकी बोर्ड की बैठक में किस तरह से बाजार में एंट्री करने वाली कंपनियों के लिए नए नियम लागू किए गए हैं।
ताकि, Investors और companies के बीच रहे ट्रांसपेरेंसी
नए नियमों के तहत IPO लाने वाली कंपनियों के लिए पहले जुटाए गए फंड से जुड़ी सारी जानकारी और इशु होने वाले शेयरों की कीमत तय करने में इनकी भूमिका को लेकर भी जानकारी मांगने का प्रोविजन है। यह भी कहा गया कि जस तरह से मार्केट के सारे इक्वेशन बदल रहे हैं। उसे देखते हुए टेक से रिलेटेड कंपनियों (Tech Companies) के नियमों को ज्यादा ट्रांसपेरेंट बनाने की जरुरत है। इस पर SEBI को कुछ सजेशन्स भी दिए गए हैं।
Unicorn बनने वाले स्टार्टअप पर रहेगी खास नजर
SEBI को भारत में नए यूनिकॉर्न कंपनियों की बढ़ती संख्या पर ध्यान देने को कहा गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले समय में बहुत सी यूनिकॉर्न कंपनियां (Unicorn Startup Companies) भारतीय बाजार में एंट्री करेंगी। इसलिए पहले के एक्सपीरियंस से सीखते हुए अभी ऐसे नियम लागू किये जाने चाहिये, जिससे इंवेस्टर्स का भरोसा भी बढ़े और मार्केट में IPO लाने की प्रोसेस भी ट्रांसपेरेंट हो।
बताते चलें कि पिछले दो सालों में भारतीय शेयर बाजार (Indian Share Market) में कुछ बड़ी तकनीक आधारित कंपनियों (technology based companies) के IPO में इंवेस्टर्स ने काफी इंट्रेस्ट दिखाया है। हालांकि इंवेस्टर्स को भारी नुकसान भी उठाना पड़ा है। लिस्टेड होने के बाद कई महीने बीतने के बावजूद कंपनियों के भाव अभ उनके एलॉटमेंट या इशु प्राइस के बारबार भी नहीं पहुंच सके हैं।
Unicorn Company क्या होती है
यूनिकॉर्न कंपनी (Unicorn Company) का मतलब ऐसी कंपनियों से है, जिनकी बाजार में वैल्यूएशन (valuation) 1 Billion डॉलर के पार जा चुकी है।
IPO क्या होता है
IPO का मतलब होता है (Initial Public Offering) जब कोई स्टार्टअप कंपनी पहली बार पब्लिक को अपने Share Offer करती है तो उसे IPO कहा जाता है। ऐसे समझे कि, जब इन कंपनियों को Fund की जरूरत होती है तो ये खुद को स्टॉक मार्केट में लिस्ट करवाती हैं और इसका सबसे बेहतर तरीका है IPO, इसे जारी करने के बाद कंपनी शेयर मार्केट में लिस्ट हो जाती है। शेयर मार्केट में लिस्ट होने के बाद इंवेस्टर्स उस कंपनी के शेयर को खरीद और बेच सकते हैं।
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