Red Fort Attack : साल 2000 में लाल किले (Red Fort) पर हुए हमले के दोषी और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी मोहम्मद आरिफ उर्फ अशफाक (Mohammad Arif alias Ashfaq) की फांसी की सजा को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है। कोर्ट ने आरिफ की याचिका को खारिज कर दिया। चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि इस मामले में सारे सबूत दोषी के अपराध को साबित करते हैं। पूरे देश में सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की चर्चा हो रही है, पर क्या आप जानते है कौन ये मोहम्मद आरिफ, जिसने इतने संगीन जुर्म किये हैं। लाल किले (Red Fort) पर 22 दिसंबर 2000 को ऐसा क्या हुआ था।
कौन है मोहम्मद आरिफ उर्फ अशफाक
आरिफ लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी है। 22 दिसंबर, 2000 को उसने लाल किले के पास गोलियां चलाईं थी, जिसमें सेना के दो कर्मियों सहित तीन लोग मारे गए थे। सेना की जवाबी हमले में लाल किला में घुसपैठ करने वाले दो आतंकवादियों को मार गिराया था। मोहम्मद आरिफ (Mohammad Arif ) को 25 दिसंबर साल 2000 को गिरफ्तार कर लिया गया था। साल 2005 में लोअर कोर्ट ने आरिफ को मौत की सजा सुनाई थी।
साल 2007 में दिल्ली हाई कोर्ट ने भी मोहम्मद आरिफ की मौत की सजा को बरकरार रखा था। चार साल बाद, सुप्रीम कोर्ट ने भी मौत की सजा को बरकरार रखा। 2016 में, सुप्रीम कोर्ट ने आरिफ की समीक्षा याचिका (review petition) पर सुनवाई के लिए सहमति व्यक्त की। अदालत ने कहा कि मौत की सजा के दोषियों की समीक्षा याचिकाओं को खुली अदालतों में सुना जाना चाहिए।
22 दिसंबर 2000 को Red Fort पर क्या हुआ था
22 दिसंबर को लाल किले पर 6 आतंकियों ने हमला किया था। इस मामले में 7 लोगों को दोषी ठहराया गया था, जिसमें से आरिफ की पत्नी को सात साल की सजा सुनाई गई थी। दो अन्य को समान सजा मिली, जबकि तीन लोगों को उम्रकैद की सजा मिली थी।
Credit – Deccan Herald
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