Lumpy skin disease : क्या लम्पी स्किन डिसीज़ (एलएसडी) वायरस मवेशियों से मनुष्यों (humans) में फैलता है? क्या आप जो दूध पीते हैं वह सुरक्षित है? Indian Council of Medical Research (ICMR) के साइंटिस्ट्स यह पता लगाने के लिए एक स्टडी कर रहे हैं कि क्या लम्पी स्कीन वायरस के मानवों में ट्रांसमिशन की कोई आशंका है, जिसने भारत में 65,000 से अधिक मवेशियों को मार दिया है।
Lumpy skin disease से संक्रमित मवेशियों के सैंपल जांच के लिए एकत्र (collect) किए गए हैं। टेस्ट्स से यह भी पता चलेगा कि अगर आप संक्रमित मवेशियों के दूध पीते हैं, तो क्या आप इन्फेक्टेड हो जाएंगे? हालांकि, इसके लिए आपको ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि अब तक, भारत के 18 राज्यों में लम्पी वायरस के 15 लाख मामले सामने आए हैं, फिर भी मवेशियों से इंसानों में संक्रमण का कोई सबूत नहीं है।
7 अक्टूबर तक, आईवीआरआई (IVRI) रिसर्चर्स ने 850 सैंपल्स का टेस्ट किया है, और उनमें से 300 पॉजिटिव पाए गए। हालांकि, इस बात का कोई प्रूफ नहीं था कि लम्पी वायरस इंसानों को भी संक्रमित कर सकता है। केवल भैंस, गाय, बकरी और भेड़ ही इस बीमारी से प्रभावित होते हैं।
यह सब एक myth
गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी (Guru Angad Dev Veterinary and Animal Sciences University) के विशेषज्ञों ने हाल ही में इस डर को शांत किया जब उन्होंने कहा कि इस तरह के लम्पी वायरस का एक मवेशी से ह्यूमन्स मे ट्रांसमिशन नहीं होता है, यह सब एक मिथ (myth) है।
India Today की वेबसाइट में पब्लिश्ड एक आर्टिकल के अनुसार, सेंटर फॉर वन हेल्थ के निदेशक डॉ जसबीर सिंह बेदी ने कथित तौर पर बताया कि वायरस सीधे संपर्क से या प्रभावित जानवरों के दूध के सेवन से मनुष्यों को संक्रमित नहीं करता है। हालांकि, उन्होंने ये भी बताया कि दूध पीने से पहले उसे उबालना चाहिए।
तो, क्या pasteurized दूध बिना pasteurized दूध से बेहतर है?
भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान ‘Indian Veterinary Research Institute’ (आईवीआरआई) के संयुक्त निदेशक अशोक कुमार मोहंती ने PTI को बताया कि संक्रमित मवेशियों के दूध का सेवन सुरक्षित है। दूध उबालने के बाद या बिना उबाले दूध पीने से भी उसकी क्वालिट में कोई कमी नहीं आती है।
वहीं, बरेली में ICMRs भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) के एक वैज्ञानिक के अनुसार, यदि बछड़ा संक्रमित गाय के कच्चे दूध का सेवन करता है, तो यह वायरस के कॉन्टैक्ट में आ सकता है।
कैसे होता है लम्पी वायरस और इसके लक्षण
लम्पी वायरस (Lumpy skin disease) का पता जीनस कैप्रिपोक्सवायरस (genus Capripoxvirus) से लगाया जा सकता है, जो चेचक वायरस (smallpox) और मंकीपॉक्स वायरस (पॉक्सविरिडे) के फैमिली से है। यह वायरस मक्खियों, मच्छरों,या टिक्कों जैसे खून पीने वाले कीड़ों से फैलता है। इसके शुरुआती लक्षण शरीर में थकान, बुखार और लिम्फ नोड्स हैं। बाद में, यह संक्रमित मवेशियों की इम्यू सिस्टम को प्रभावित करता है और फिर उसके रेसपिरटरी ऑर्गन पर इफेक्ट करता है।