Type 2 Diabetes : डायबिटीज लाइफ स्टाइल से जुड़ी एक ऐसी बीमारी जो एक बार लग गई तो ऐसा गले पड़ेगी कि धीरे-धीरे आपके शरीर मे कई रोगों को इंविटेशन देने लगती है। बिना सोचे समझे कुछ भी खाने और रेगुलर एक्सरसाइज न कर के सबसे पहले तो हम ही इसे इंवाइट करते हैं। आज इंडिया के हर घर में तीसरा व्यक्ति डायबिटीज पेशेंट तो जरुर होगा। आपके भी पापा, ताया, मामा इस बीमारी से ग्रसित होंगे, पर अब ये बीमारी उम्र देख कर 40 साल बाद नहीं कभी भी हो जा रही। 15 साल के बच्चे से लेकर 60 साल की उम्र तक के लोग इस बीमारी की चपेट में आ जा रहे हैं। ऐसे तो डायबिटीज 2 तरह की होती है। पहला – Type 1 Diabetes इसमें पैन्क्रियास इंसुलिन बनाना बंद कर देती है। दूसरा है- Type 2 Diabetes सुलिन पर जितनी प्रतिक्रिया देनी चाहिए नहीं दे पाते। इसे Gestational Diabetes (diabetes in pregnant women) भी कहते हैं। इस आर्टकल में हम Type 2 डायबिटीज के बारे में बात करेंगे।
Healthline में पब्लिश्ड एक आर्टिकल की अनुसार, अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजिस्ट ने 2018 में डिस्ग्लाइसीमिया-आधारित पुरानी बीमारी (DBCD) मल्टीमॉर्बिडिटी केयर मॉडल बनाया, जिसमें चार अलग-अलग स्टेज शामिल थे। DBCD मॉडल डॉक्टरों को टाइप 2 डायबिटीज की कॉम्प्लिकेश्न्स को कम करने में मदद करता है।
Stages of Type 2 diabetes
Type 2 diabetes के पहले स्टेज में लिवर सेल, फैट, और मसल इंसुलिन के प्रतिरोधी (resistance) बन जाते हैं। इस कारण ग्लूकोज को सेल तक आने में परेशानी होती है। हालांकि, पैन्क्रियास अधिक इंसुलिन बनाकर इसे बैलेंस्ड रखता है, जो नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल को मेंटेन रखने में मदद करता है।
Stage 2 को प्रीडायबिटीज (prediabetes stage) स्टेज कहते हैं। प्रीडायबिटीज सेटज वह है जहां कोशिकाएं इंसुलिन के लिए पूरी तरह से प्रतिरोधी (resistance) हो जाती हैं। pancreas के अधिक इंसुलिन बनाने के बाद भी ये ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाता है। प्रीडायबिटीज आपके टाइप 2 डायबिटीज, हृदय रोग और स्ट्रोक की आशंका को बढ़ाता है। इंसुलिन प्रतिरोध की तरह आपको प्रीडायबिटीज के कोई सिम्टम्स तब तक नहीं दिखते जब तक आप ब्लड टेस्ट न करावाएं
Stage 3 – ये टाइप 2 डायबिटीज का डायग्नॉसिस स्टेज है। इलाज के बिना, इंसुलिन प्रतिरोध और बीटा सेल की शिथिलता एक साथ शरीर को गंभीर लॉन्ग टर्म नुकसान पहुंचा सकती है। ब्लड ग्लूकोज पर डेसीलीटर (Deciliter) ब्ललड में 100 से 125 मिलीग्राम शुगर के बीच होता है। अगर यह 126 मिलीग्राम शुगर पर डीसीलीटर पहुंच जाए तो यह इस बात का संकेत है कि आपको टाइप 2 डायबिटीज है।
Stage 4 – इस स्टेज में वास्कुलर कॉम्प्लिकेशन होते हैं। हाई ब्लड शुगर लेवल के कारण वास्कुलर सिस्टम (vascular system) डैमेज हो जाते हैं। जो किडनी डिसीज (chronic kidney disease), कॉरनैरी आर्टरी (coronary artery disease), हार्ट फैल्योर (Heart Failure और स्ट्रोक का कारण बन सकते हैं।
Symptoms of Type 2 Diabetes
ज्यादा प्यास लगना
बार बार पेशाब आना
हमेशा भूख लगना
धूंधला दिखाई देना
सिर दर्द
स्किन डिसीज
खुजली होना
जनांगों के आस पास खुजली होना, इसके कुछ लक्षण हैं।