Repo Rate Increases : पर्सनल लोन, होम लोन (Home Loan) और कार लोन (Car Loan) समेत सभी तरह के बैंक लोन्स के EMI अब लोगों के लिए और बढ़ जाएंगे। जी हां, रिजर्व बैंक ने रेपो रेट (Repo Rate) को 5.40 से बढ़ाकर 5.90 परसेंट कर दिया है। रिजर्व बैंक ने Repo Rate में 50 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोत्तरी की है। मई में 40 बेसिस प्वाइंट्स की वृद्धि और जून और अगस्त में दोनों महीनों में 50-50 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोत्तरी के बाद यह लगातार चौथी बार रेपो रेट में वृद्धि हुई है।
कॉमन मैन के ऊपर पड़ेगा Repo Rate बढ़ने का असर
Repo Rate के बढ़ने का असर, कॉमन मैन के ऊपर भी पड़ेगा। क्योंकि बैंक अपना बोझ कम करने के लिए अपने कस्टमर्स पर थोड़ा भोझ डालेगी ही। आसान भाषा में समझना हो तो, मान लिजिये आपने एक घर खरीदने के लिए बैंक से 25 लाख का होम लोन लिया है, जिसे आपको 15 सालों में चुकाना है। बैंक आपसे 7 परसेंट रेट ऑफ इंटरेस्ट ले रहा है। तो अब आपका रेट ऑफ इंटरेस्ट बढ़कर 7.50 हो जाएगा, जिसका भुगतान करने के लिए आपको 2 साल का वक्त और मिलेगा। लोन के टेन्योर के अलावा बढा हुआ ब्याज भी चुकाना होगा।
सेविंग और फिक्स्ड डिपॉजिट पर भी पड़ेगा असर
RBI के इस फैसले से सभी तरह के लोन महंगे हो जाएंगे। RBI की MPC की बैठक में यह फैसला लिया गया है। इससे पहले आरबीआई ने मई और जून और अगस्त में तीन बार में Repo Rate में 1.40 परसेंट की वृद्धी की थी। कोरोना महामारी के दौरान RBI ने मार्च, 2020 में Repo Rate को घटा दिया था लेकिन 4 मई, 2022 को RBI ने Repo Rate में 0.40 परसेंट की वृद्धी की थी। Repo Rate बढ़ने का असर लोगों के Saving बैंक अकाउंट और FD यानी फिक्स्ड डिपॉजिट पर भी पड़ेगा। बैंक Saving अकाउंट और फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दर बढ़ा सकते हैं।
अब जानिये क्या है रेपो रेट (Repo Rate)
Repo Rate उस दर को कहते हैं, जिस दर पर RBI अन्य बैंकों को कर्ज देता है। अगर रिजर्व बैंक रेपो रेट बढ़ाएगा तो बैंकों के लिए कर्ज लेना महंगा हो जाएगा और वे अपने ग्राहकों के लिए कर्ज महंगा कर देंगे। आसान भाषा में समझा जाए तो, जैसे- बैंक हमें कर्ज देते हैं और उस कर्ज पर हमें ब्याज देना पड़ता है। ठीक उसी तरह बैंकों को भी अपने काम के लिए लंबे रकम की जरूरत पड़ती है। इसके लिए बैंक RBI से कर्ज लेते हैं। इस लोन पर रिजर्व बैंक जिस दर से बैंकों से ब्याज वसूल करता है, उसे Repo Rate कहते हैं।
Repo Rate बढ़ने से क्यों बढ़ जाती है EMI
Repo Rate के ही आधार पर बैंक अपने कस्टमर्स को दिए जाने वाले लोन के Interest रेट को निर्धारित करते हैं। जब Repo Rate बढ़ता है तो बैंकों को रिजर्व बैंक से कर्ज ज्यादा ब्याज दर पर मिलता है, जैसा कि हमने ऊपर समझा। ऐसे में बैंक आम आदमी के लिए भी होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की इंटरेस्ट दर को बढ़ा देती हैं और इसका असर EMI पर भी पड़ता है। इसलिए Repo Rate बढ़ने के साथ EMI भी बढ़ जाती है।