Gaganyaan Mission : देश के ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन गगनयान (Gaganyaan Mission) से अंतरिक्ष जाने वाले वायुसेना के चारों लड़ाकू पायलटों ने 3 साल कड़ी ट्रेनिंग ली है। वायुसेना के अनुसार, सभी के पास 2,000-3,000 घंटों की उड़ान का अनुभव है। इनमें से दो, ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन को राष्ट्रपति का स्वर्ण पदक और वायुसेना अकादमी का स्वॉर्ड ऑफ ऑनर भी मिला है। प्रयागराज के ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और लखनऊ के विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला बचे दो पायलट हैं।
Gaganyaan Mission के लिए 13 महीने रूस में ट्रेनिंग
Gaganyaan Mission के लिए रूस में 13 महीने की कठिन ट्रेनिंग के बाद वायुसेना के पायलटों के एक ग्रुप से इन 4 पायलटों को चुना गया है। इस दौरान इन चारों ने मुश्किल शारीरिक और मानसिक परीक्षणों (Mental and Physical Training) को पास किया। इसमें जिम में एक्सरसाइज, योग से ध्यान, स्वीमिंग जैसे अलग अलग ट्रेनिंग भी दिए गए। अभी भी देश के अलग अलग हिस्सों में इनकी ट्रेनिंग जारी है।
सेफ्ली वापसी कंफर्म करने के लिए ये तैयारियां
इन चारों अंतरिक्ष यात्रियों को अलग अलग प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं। जिनमें रेगिस्तान में बेहद गर्मी, सुदूर पहाड़ों पर जीरो से भी नीचे के तापमान में और समुद्र तल के अंदर ट्रेनिंग दिया गया। इन चारों वायुसेना पायलटों ने इन ट्रेनिंग्स को बखूबी पास किया। चलिए जानते हैं अब इन चार लड़ाकू पायल्ट्स के बारे में..
विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला
लखनऊ में 1985 में पैदा हुए शुभांशु शुक्ला को एनडीए से जून 2006 में बतौर लड़ाकू पायलट वायुसेना में शामिल किया गया। उनके पास 2,000 घंटों से अधिक का उड़ान अनुभव है। विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला ने SU-30 एमकेआई, मिग- 21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डोर्नियर और एएन-32 समेत अन्य विमान उड़ा चुके हैं।
ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर
1976 में केरल में जन्मे प्रशांत नायर एनडीए से ट्रेनिंग लेने वाले अधिकारी हैं। उन्हें दिसंबर 1998 में वायुसेना में लड़ाकू पायलट के रूप में भर्ती किया गया। नायर के पास लगभग 3,000 घंटे की उड़ान का अनुभव है। प्रशांत नायर ने सू-30 एमकेआई, मिग-21, मिग-29, हॉक, डोर्नियर और एएन-32 समेत विभिन्न विमान उड़ाए हैं।
ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन
चेन्नई में 1982 में जन्मे कृष्णन एनडीए के पूर्व छात्र हैं। उन्हें जून 2003 में भारतीय वायुसेना में लड़ाकू पायलट नियुक्त किया गया था। लगभग 2,900 घंटे की उड़ान के अनुभव के साथ वह एक उड़ान प्रशिक्षक और एक परीक्षण पायलट हैं। अजीन ने सू-30 एमकेआई, मिग-21, मिग-29, जगुआर, डोर्नियर और एएन-32 सहित विभिन्न प्रकार के विमान उड़ाए हैं।
ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप
1982 में प्रयागराज में जन्में प्रताप एनडीए के रास्ते वायुसेना में अधिकारी बने। उन्हें दिसंबर 2004 में वायुसेना में लड़ाकू पायलट के तौर पर शामिल किया गया। वह 2,000 घंटे की उड़ान का अनुभव वाले उड़ान प्रशिक्षक और परीक्षण पायलट (trainers and testing pilot) हैं। अंगद प्रताप ने सू-30 एमकेआई, मिग-21, मिग- 29, जगुआर, हाँक जैसे विमान उड़ाए हैं।
क्या है Gaganyaan Mission
Gaganyaan Mission देश का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन है। इस मिशन में 4 अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष की सैर कराई जाएगी। इस मिशन को 2024 के आखिर या 2025 की शुरुआत तक भेजा जा सकता है। इसके लिए 2024 यानी इसी साल मानव रहित परीक्षण उड़ान होगी, जिसमें एक व्योममित्र रोबोट भेजा जाएगा। गगनयान मिशन 3 दिन का है। गगनयान मिशन के लिए 400 km की पृथ्वी की निचली कक्षा (lower class) पर चारों पायलट्स को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा और फिर सेफ्ली पृथ्वी पर वापस लाया जाएगा।
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